'चेर्नोबिल जैसी तबाही होगी': इजरायल को रूस की चेतावनी, ईरान के बुशहर परमाणु संयंत्र पर हमले से बचने की अपील


मॉस्को: मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच रूस ने इजरायल को एक गंभीर चेतावनी जारी की है। रूसी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अगर इजरायल ने ईरान के बुशहर परमाणु संयंत्र पर हमला किया तो इससे "चेर्नोबिल जैसी तबाही" हो सकती है।

रूस की गंभीर चेतावनी

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि बुशहर परमाणु संयंत्र पर किसी भी तरह का सैन्य हमला पूरे क्षेत्र के लिए विनाशकारी साबित होगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "1986 में चेर्नोबिल में जो हुआ था, वह सब कुछ या उससे भी बदतर स्थिति यहाँ पैदा हो सकती है। हम इजरायल से इस तरह की किसी भी योजना को तुरंत रद्द करने का आग्रह करते हैं।"

ज़खारोवा ने आगे बताया कि बुशहर संयंत्र अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की सख्त निगरानी में है और यह पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए संचालित हो रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी परमाणु सुविधा पर हमला करना अंतर्राष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन होगा और इसके दूरगामी परिणाम होंगे।

"एक परमाणु संयंत्र को निशाना बनाना सिर्फ एक देश के खिलाफ हमला नहीं होगा, बल्कि यह पूरी मानवता के खिलाफ अपराध होगा। रेडिएशन की मार किसी एक देश की सीमा में नहीं रुकती। इसका प्रभाव पूरे क्षेत्र और वैश्विक पर्यावरण पर पड़ेगा," — मारिया ज़खारोवा, रूसी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता

बुशहर संयंत्र पर हमले के संभावित परिणाम

परमाणु ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बुशहर संयंत्र पर हमला होता है तो इसके भयावह परिणाम हो सकते हैं। संयंत्र में मौजूद विस्फोटक सामग्री और रेडियोधर्मी तत्वों के कारण यहाँ विस्फोट होने पर चेर्नोबिल या फुकुशिमा से कहीं अधिक बड़ी आपदा आ सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी स्थिति में रेडियोधर्मी बादल न केवल ईरान बल्कि पड़ोसी देशों इराक, कुवैत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और पाकिस्तान तक फैल सकता है।

पर्यावरणविदों ने चेतावनी दी है कि ऐसी आपदा से न केवल तत्काल में लाखों लोग प्रभावित होंगे, बल्कि इसका दुष्प्रभाव आने वाले कई दशकों तक रहेगा। कृषि योग्य भूमि दूषित हो जाएगी, पीने का पानी रेडियोधर्मी हो सकता है और कैंसर जैसी बीमारियों में भारी वृद्धि होगी। खाड़ी क्षेत्र की मछलियाँ और समुद्री जीवन भी प्रभावित हो सकता है, जिससे पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस मामले पर गहरी चिंता जताते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसी भी परमाणु सुविधा पर हमला अंतर्राष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन होगा और इससे बचना चाहिए। IAEA के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने भी बयान जारी कर कहा है कि बुशहर संयंत्र पर उनके निरीक्षकों की निरंतर निगरानी है और संयंत्र सामान्य रूप से संचालित हो रहा है।

वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिका इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी परमाणु सुविधा को निशाना बनाना अस्वीकार्य होगा। यूरोपीय संघ ने भी एक संयमित बयान जारी करते हुए सभी पक्षों से तनाव कम करने और संवाद का रास्ता अपनाने का आग्रह किया है।

पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति

यह तनाव ईरान द्वारा इजरायल पर हालिया मिसाइल हमले के बाद और बढ़ गया है। इजरायली सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकता है। सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि इजरायल ईरान के परमाणु सुविधाओं को अपने संभावित लक्ष्यों की सूची में शामिल कर सकता है, जिसमें बुशहर संयंत्र भी शामिल है।

ईरानी विदेश मंत्रालय ने रूस की चेतावनी का स्वागत करते हुए कहा है कि वह अपने सभी परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। ईरानी प्रवक्ता ने चेतावनी दी कि अगर किसी ने भी उनके परमाणु सुविधाओं पर हमला करने की कोशिश की तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उधर, इजरायल ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

स्रोत: रूसी विदेश मंत्रालय, संयुक्त राष्ट्र, IAEA, परमाणु सुरक्षा विशेषज्ञ, अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स

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