MP Crime: अस्पताल में घुसकर 10 मिनट तक युवती का काटता रहा गला, वीडियो बनाते रहे लोग


27 जून 2025 — नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश):
जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के सामने एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जब 18 वर्षीय संध्या चौधरी, जो नर्सिंग प्रशिक्षण ले रही थी, का गला उसके कथित प्रेमी अभिषेक कोष्ठी ने चाकू से काट दिया। अस्पताल परिसर में सीसीटीवी कैमरों से यह भयावह दृश्य कैप्चर हुआ।

घटना की एक झलक

  • घटना दोपहर लगभग 3 बजे उस समय हुई जब संध्या इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी कर रही थी और अभिषेक अचानक वहाँ पहुंचा। उसने चाकू से हमला करके उसकी मौके पर ही हत्या कर दी।
  • सीसीटीवी फुटेज व मोबाइल रिकॉर्डिंग में देखा गया कि कई डॉक्टर, नर्स और अन्य मरीज भी इस भयावह दृश्‍य के स्पष्ट साक्षी थे, लेकिन कोई बीच नहीं आया।
  • हमले के बाद आरोपी ने खुदकुशी करने की कोशिश की, लेकिन वह विफल रहा और मौके से फरार हो गया। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।

प्रेमिका–प्रेमी का कथित बैकस्टोरी

पुलिस मुताबिक संध्या और अभिषेक लगभग दो वर्षों से रिलेशनशिप में थे। हाल ही में उनमें मतभेद बढ़े, और अभिषेक को शक था कि संध्या किसी और से भी मिल रही है। इसी तनाव ने इस भयावह घटना को जन्म दिया।

अस्पताल व सुरक्षा पर उठे प्रश्न

घटना ने सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था की गंभीरता को उजागर किया है। अस्पताल की सीसीटीवी हालांकि काम कर रही थी, लेकिन निजी सुरक्षा और तैनात पुलिस स्टाफ के बावजूद मानव जीवन को बचाने में कोई हस्तक्षेप नहीं हुआ।

पुलिस जांच और बढ़ते दबाव

  • पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर फॉर्मल आरोप के साथ न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
  • स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है — अस्पताल स्टाफ ने हत्या के समय अस्पताल की सुरक्षा व प्रतिक्रिया पर सवाल उठाए हैं, तथा तेज़ कानूनी कार्रवाई की मांग हो रही है।

स्थानीय और पुलिस प्रतिक्रिया

नर्सिग ऑफिसर नलिन ने बताया कि जब उन्होंने बीच में हस्तक्षेप किया, तो आरोपी ने उन्हें भी जान से मारने की धमकी दी। वहीं एसपी मृगाखी डेका ने कहा कि अस्पताल परिसर में मौजूद CCTV वीडियो और गवाहों से आरोपी को पकड़ने में मदद मिली।

निष्कर्ष और आगे के कदम

यह घटना केवल एक प्रेम विवाद नहीं बल्कि सामाजिक और सुरक्षा व्यवस्था की विफलता को भी उजागर करती है। अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था, इमरजेंसी SOP, और स्टाफ की संवेदनशीलता जैसे कई महत्वपूर्ण प्रश्न उठ खड़े हुए हैं। आरोपियों को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ट्रायल सुनिश्चित करने की मांग की जा रही है, वहीं अस्पताल सुरक्षा में सुधार लाना अब सरकार की प्राथमिकता बन चुकी है।

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